Top Krishna Bhajan Lyrics in Hindi || ढोलक पर कृष्ण जी के भजन लिरिक्स (2023)
Krishna Bhajan Lyrics in Hindi |
Krishna Bhajan Lyrics, जो अक्सर विभिन्न भाषाओं में लिखे जाते हैं, हमने आज ईश ब्लॉग पोस्ट में भगवान कृष्ण के आराधना और प्रेम के कुछ Best Krishna Bhajan Lyrics दीय हैं। आप इन को पढ़े केर गा सकते है.
जब हम Krishna Bhajan गाते या सुनते हैं तो हम एक अलग भक्ति की दुनिया में खोजाते हैं। ये छंद भौतिक दुनिया और आध्यात्मिक प्रतिबिंब के बीच एक कड़ी के रूप में काम करते हैं, जिससे दिव्य के साथ घनिष्ठ संबंध स्थापित होता है। ये गीत केवल संगीत रचनाओं के बजाय आध्यात्मिक आदर्शों का प्रतिनिधित्व करते हैं।
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~> Krishna Bhajan Lyrics: श्री कृष्ण भगवान के 11 लोकप्रिय भजन
Krishna Bhajan Lyrics in Hindi, कृष्ण जी के भजन लिरिक्स
1. आज तुम्हे कहती है रुक्मण रानी
आज तुम्हे कहती है रुक्मण रानी,
आवीं कुण्डला वालेया, आवीं हारा वालेया ॥कृष्णा॥
पिता मेरे ने मन मे विचारा, वर ले रुक्मण श्याम प्यारा |
भाई मेरे ने जुलम कमाया, शिशुपाल वेआवन आ गया ॥कृष्णा॥
रुक्मण रानी लिख रही पाती, श्याम सुन्दर मेरे बन जाओ साथी |
दासी तेरी अरज गुजरे, शिशुपाल वेआवन आ गया ॥कृष्णा॥
विप्र तुर पड़े रात बाराती, जा मोहन को दीनी पाती |
पाती पड़ कर ला ली छाती, और रथ को खूब सजा लिया ॥कृष्णा॥
मोहन तुर पड़े सुबह सवेरे, जा मन्दिर मे ला लाये डेरे |
रुक्मण आई करने पूजा, बाजु पकड़ रथ मे बिठा लिया ॥कृष्णा॥
2. हे री मैं तो प्रेम-दिवानी मेरो दरद न जाणै कोय।
हे री मैं तो प्रेम-दिवानी मेरो दरद न जाणै कोय।
दरद की मारी बन बन डोलूं बैद मिल्यो नही कोई॥कृष्णा॥
ना मैं जानू आरती वन्दन, ना पूजा की रीत।
लिए री मैंने दो नैनो के दीपक लिए संजोये॥कृष्णा॥
घायल की गति घायल जाणै, जो कोई घायल होय।
जौहरि की गति जौहरी जाणै की जिन जौहर होय॥कृष्णा॥
सूली ऊपर सेज हमारी, सोवण किस बिध होय।
गगन मंडल पर सेज पिया की, मिलणा किस बिध होय॥कृष्णा॥
दरद की मारी बन-बन डोलूं बैद मिल्या नहिं कोय।
मीरा की प्रभु पीर मिटेगी जद बैद सांवरिया होय॥कृष्णा॥
3. बनवारी रे, जीने का सहारा तेरा नाम रे
बनवारी रे, जीने का सहारा तेरा नाम रे
मुझे दुनिया वालों से क्या काम रे ॥कृष्णा॥
झूठी दुनिया, झूठे बंधन, झूठी है ये माया |
झूठा साँस का आना जाना, झूठी है ये काया ॥कृष्णा॥
यहाँ साँचा तेरा नाम रे…
रंग में तेरे रंग गयी गिरिधर, छोड़ दिया जग सारा
बन गयी तेरे प्रेम के जोगी, ले के मन एकतारा
मुझे प्यारा तेरा धाम रे, बनवारी रे …॥कृष्णा॥
दर्शन तेरा जिस दिन पाऊँ, हर चिन्ता मिट जाये
जीवन मेरा इन चरणों में, आस की ज्योत जगाये
मेरी बाँहें पकड़ लो श्याम रे, बनवारी रे…॥कृष्णा॥
4. दर्शन दो घनश्याम नाथ मोरी, अँखियाँ प्यासी रे |
दर्शन दो घनश्याम नाथ मोरी, अँखियाँ प्यासी रे |
मन मंदिर की जोत जगा दो, घाट घाट वासी रे ॥कृष्णा॥
मंदिर मंदिर मूरत तेरी, फिर भी न दीखे सूरत तेरी |
युग बीते ना आई मिलन की पूरनमासी रे ॥कृष्णा॥
द्वार दया का जब तू खोले, पंचम सुर में गूंगा बोले |
अंधा देखे लंगड़ा चल कर पँहुचे काशी रे ॥कृष्णा॥
पानी पी कर प्यास बुझाऊँ, नैनन को कैसे समजाऊँ |
आँख मिचौली छोड़ो अब तो मन के वासी रे ॥कृष्णा॥
निबर्ल के बल धन निधर्न के, तुम रखवाले भक्त जनों के |
तेरे भजन में सब सुख़ पाऊं, मिटे उदासी रे ॥कृष्णा॥
नाम जपे पर तुझे ना जाने, उनको भी तू अपना माने |
तेरी दया का अंत नहीं है, हे दुःख नाशी रे ॥कृष्णा॥
आज फैसला तेरे द्वार पर, मेरी जीत है तेरी हार पर |
हर जीत है तेरी मैं तो, चरण उपासी रे ॥कृष्णा॥
द्वार खडा कब से मतवाला, मांगे तुम से हार तुम्हारी |
नरसी की ये बिनती सुनलो, भक्त विलासी रे ॥कृष्णा॥
लाज ना लुट जाए प्रभु तेरी, नाथ करो ना दया में देरी |
तिन लोक छोड़ कर आओ, गंगा निवासी रे ॥कृष्णा॥
5. यशोमती मैया से बोले नंदलाला
यशोमती मैया से बोले नंदलाला,
राधा क्यूँ गोरी, मैं क्यूँ काला ॥कृष्णा॥
बोली मुस्काती मैया, ललन को बताया,
काली अँधेरी आधी रात को तू आया |
लाडला कन्हीया मेरा काली कमली वाला, इसी लिए काला ॥कृष्णा॥
बोली मुस्काती मैया, सुन मेरे प्यारे,
गोरी गोरी राधिका के नैन कजरारे |
काले नैनो वाली ने ऐसा जादू डाला, इसी लिए काला ॥कृष्णा॥
इतने में राधा प्यारी आई बलखाती,
मैंने क्या जादू डाला, बोली इख्लाती |
मैया कन्हीया तेरा जग से निराला, इसी लिए काला ॥कृष्णा॥
6. सूना सूना लागे बृज का धाम
सूना सूना लागे बृज का धाम,
गोकुल को छोड़ चले रे घन्श्याम ॥कृष्णा॥
यमुना रोए, मधुबन रोए, यमुना रोए, रोए कदम की शय्या,
भर भर नैना रोए रे गवाले, रोये बृज की गईआं |
राह रोक कर रोए मनसुखा, बिशड रहे मोरे श्याम रे ॥कृष्णा॥
बोल सके ना घर के पंशी, असुअन से भरे नैना,
आजा कान्हा, ना ज कान्हा, कूके रे पिंजरे की मैना |
नदिया रोये, गिरिवर रोये, ले कान्हा का नाम रे ॥कृष्णा॥
प्रेम दीवानी राधा रानी, भर नैना में पानी,
सुबक सुबक कहे हाय रे कान्हा, तुने बिरहा की पीर ना जानी |
कैसे कटेगी, तुम बिन साथी जीव की अब श्याम रे ॥कृष्णा॥
7. मीठे रस से भरी रे, राधा रानी लागे
मीठे रस से भरी रे, राधा रानी लागे,
मने कारो कारो जमुनाजी रो पानी लागे ॥कृष्णा॥
यमुना मैया कारी कारी राधा गोरी गोरी |
वृन्दावन में धूम मचावे बरसाना री छोरी |
व्रज्धाम राधाजू की रजधानी लागे ॥कृष्णा॥
कान्हा नित मुरली मे टेरे सुमरे बरम बार |
कोटिन रूप धरे मनमोहन, तऊ ना पावे पार |
रूप रंग की छबीली पटरानी लागे ॥कृष्णा॥
ना भावे मने माखन-मिसरी, अब ना कोई मिठाई |
मारी जीबड़या ने भावे अब तो राधा नाम मलाई |
वृषभानु की लाली तो गुड़धानी लागे ॥कृष्णा॥
राधा राधा नाम रटत है जो नर आठों याम |
तिनकी बाधा दूर करत है राधा राधा नाम |
राधा नाम मे सफल जिंदगानी लागे ॥कृष्णा॥
8. अब तो माधव मोही उभार
अब तो माधव मोही उभार |
दिवस बीते रैन बीती, बार बार पुकार ॥कृष्णा॥
नाव है मझधार भगवान्, तीर कैसे पाए,
घिरी है घनघोर बदली पार कौन लगाये ॥कृष्णा॥
काम क्रोध समेत तृष्णा, रही पल छिन घेर,
नाथ दीनानाथ कृष्णा मत लगाओ देर ॥कृष्णा॥
दौर कर आये बचने द्रोपदी की लाज,
द्वार तेरा छोड़ के किस द्वार जाऊं आज ॥कृष्णा॥